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पुनर्पाठ : पूर्वाभास में रामनारायण रमण के नवगीत — अवनीश सिंह चौहान

101775556-4110206695686810-6244154421362556928-nरायबरेली की धरती पर रहकर जहाँ साहित्य शिरोमणि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' जी ने अपनी विशिष्ट साहित्य साधना से हिन्दी संसार को अचरज में डाल दिया, वहीं वरिष्ठ साहित्यकार रामनारायण रमण जी ने निराला जी को अपने जीवन में उतारकर निराला की परम्परा का बखूबी निर्वहन किया। गॉंव-देहात में रहना, लेखन करना, उसे प्रकाशित करवाना और पाठकों तक पहुँचाना बहुत कठिन है; कठिन न हो तो भी आजकल ज्यादातर लोग अपने आप को ही प्रकाशित करवाना चाहते हैं और किसी दिवंगत रचनाकार के लिए 'इनर्जी वेस्ट' करने से परहेज करते हैं। ऐसे कठिन समय में रमणजी ने निराला जी के सरोकारों को जन-मन तक पहुंचाने के लिए निराला और डलमऊ को केंद्र में रखकर संस्मरणात्मक जीवन वृत्त की रचना की और निराला का कुकुरमुत्ता दर्शन प्रस्तुत किया। साथ ही उन्होंने निराला जी के बहाने न केवल गद्य और पद्य में तमाम रचनाएं लिखीं बल्कि कई साहित्यिक आयोजन कर समाज के विभिन्न वर्गों/समुदायों को निराला जी से जोड़ने का सार्थक प्रयास किया। आज जब रायबरेली में निराला जी की बात होती है तो रामनारायण रमण जी का नाम लोगों के जेहन में आ ही जाता है। यह अलग बात है कि वे औरों की तरह निराला को भुना नहीं पाये, याकि उन जैसा खुद्दार व्यक्ति कभी भी किसी को भुनाने के लिए श्रम नहीं करता। यह एक गॉंव-जंवार में रहने वाले साहित्य साधक की एक (अ) साधारण कहानी है। यह भी कहना चाहूंगा कि रमणजी नयी सोच के सहज कवि एवं आलोचक हैं और बतौर संपादक भी वह आज के तमाम तथाकथित सम्पादकों पर भारी पड़ते हैं।

 

रमण जी का जन्म 10 मार्च 1949 ई. को पूरेलाऊ, डलमऊ, रायबरेली (उ प्र) में हुआ। प्रकाशित कृतियाँ : मैं तुम्हारे गीत गाऊँगा (गीत संग्रह,1989), निराला और डलमऊ (संस्मरणात्मक जीवन वृत्त, 1993), मुझे मत पुकारों (कविता संग्रह, 2002), निराला का कुकुरमुत्ता दर्शन (निबन्ध, 2009), परिमार्जन (निबन्ध, 2009), हम बनारस में बनारस हममें (यात्रा वृत्तांत, 2010), हम ठहरे गाॅव के फकीर (नवगीत संग्रह, 2011), उत्तर में आदमी (निबन्ध, 2012), नदी कहना जानती है (नवगीत संग्रह, 2018)। सम्पादन : गंगा की रेत पर (काव्य संकलन), डलमऊ दर्शन (वार्षिकी), कई अन्य पत्रिकाओं का सामयिक सम्पादन किया है। सम्मान : सरस्वती पुरस्कार एवं सम्मान, विवेकानन्द सम्मान, निराला सम्मान, हौसला सिंह स्मृति सम्मान, गंगा सागर स्मृति सम्मान, अब्दुर्रसीद आधुनिक रसखान सम्मान। विशेष : निराला और डलमऊ कृति पर वृत्त चित्र। सम्पर्क : 121, शंकर नगर, मुराई का बाग (डलमऊ), रायबरेली - 229207 (उ.प्र.), मो. 09839301516
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वरिष्ठ साहित्यकार आ. रामनारायण रमण जी के नवगीतों को पढ़ने के लिए कृपया यहाँ क्लिक कीजिए http://www.poorvabhas.in/2014/03/blog-post_2408.html?m=1


 

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