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​आवाज़ दे रहा महाकाल का भव्य लोकार्पण

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दिल्ली: विश्व जागृति मिशन के तत्त्वावधान में अन्तरराष्ट्रीय गणेश-महालक्ष्मी महायज्ञ के अवसर पर परम पूज्य आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज के कराम्बुजों से कविवर देवेंद्र देव जी का सद्यः प्रकाशित प्रज्ञा-बोध-गीत-संग्रह 'आवाज दे रहा महाकाल' का भव्य लोकार्पण शुक्रवार, अक्टूबर 6, 2017 को आनन्दधाम यज्ञशाला में सम्पन्न हुआ।

 

श्री गणेश लक्ष्मी महायज्ञ के दूसरे दिन गीत संग्रह का विमोचन करने के बाद श्रद्धेय आचार्य सुधांशु जी महाराज ने महाकाल और काव्य की बड़ी सुन्दर व्याख्या की और आचार्य देवेन्द्र देव को विलक्षण कवि बताया। उन्होंने कहा कि यह गीत संग्रह संकल्प, विश्वास, शक्ति, साधना एवं प्रेम की एक अनुपम कृति  है, जिससे देश-दुनिया के लोगों को कर्तव्यपथ पर चलने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कविराज के 65वें जन्मदिन पर उन्हें माला पहनाकर यज्ञ भगवान का आशीर्वाद भी प्रदान किया।

 

विख्यात कवि क्रान्त एम. एल. वर्मा ने आचार्य देवेन्द्र देव को शुभकामनायें देते हुए कहा कि उनका यह गीत संग्रह मानवीयता, एकता और समरसता का विलक्षण सन्देश देता है। युवा कवि शम्भू ठाकुर ने कहा कि उनके गीत देश एवं समाज की बहुआयामी समस्याओं से परिचित कराते हैं। डॉ अवनीश सिंह चौहान ने कहा कि आज के गीतों में सामाजिक विषमताओं, विद्रूपताओं को केंद्र में रखकर नकारात्मक भावों को उजागर करने का ट्रेंड चल रहा है, जबकि 'आवाज़ दे रहा महाकाल' के गीत सकारात्मक ऊर्जा से ओतप्रोत हैं। इन गीतों में माता, पिता, गुरू, समाज, राष्ट्र, आत्मा, परमात्मा आदि विषयों को करीने से व्यंजित किया गया है ताकि जीव मात्र का कल्याण हो सके।

 

इस काव्य पुस्तक में कवि देवेन्द्र देव के उन सभी गीतों-कविताओं को संकलित किया गया है, जो समय-समय पर अखण्ड ज्योति तथा युग निर्माण योजना में प्रकाशित होती रही हैं। श्री देव ने अपनी एक रचना इस मौक़े पर सबको सुनायी। उन्होंने 108 कुण्डीय यज्ञशाला में हज़ारों यज्ञ-साधकों की मौजूदगी में पुस्तक विमोचन को अपने जीवन का ख़ास अवसर कहा।

 

उप्र सरकार के नगर विकास विभाग में अधिकारी रहे श्री देव एक गायत्री साधक हैं और सम्प्रति संस्कार भारती प्रकोष्ठ में अखिल भारतीय सह-साहित्य-प्रमुख के रूप में राष्ट्रसेवा कर रहे हैं। देवजी 13 अति महत्वपूर्ण विषयों पर महाकाव्यों की रचना करने वाले राष्ट्रीय स्तर के यशस्वी कविता-साधक हैं। उन्होंने गायत्रेय (गायत्रीपुत्र प.पू. पं.श्रीराम शर्मा आचार्य) बांग्ला-त्राण, युवमन्यु (स्वामी विवेकानन्द) हठयोगी नचिकेता, राष्ट्र-पुत्र यशवन्त, बलि-पथ, इदं राष्ट्राय, अग्नि-ऋचा (डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम), लोक-नायक (जय प्रकाश नारायण), बिरसा मुंडा, शंख महाकाल का, कैप्टन बाना सिंह और बिस्मिल नामक महाकाव्य रचे हैं।

 

इस अवसर पर देश-विदेश के हज़ारों मिशन साधकों के अलावा अमर सोनी, उदितेंदु कुमार व संतोष ठाकुर आदि युवा कवि भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का बेहतरीन संचालन-समन्वयन विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।


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'आवाज दे रहा महाकाल' का लोकार्पण करते युग ऋषि सुधांशु जी महाराज। साथ में आचार्य देवेंद्र देव, मदन मोहन वर्मा क्रान्त, शम्भू ठाकुर एवं अवनीश सिंह चौहान दिल्ली: विश्व जागृति मिशन के तत्त्वावधान में अन्तरराष्ट्रीय गणेश-महालक्ष्मी महायज्ञ के अवसर पर परम पूज्य आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज के कराम्बुजों से कविवर देवेंद्र देव जी का सद्यः प्रकाशित प्रज्ञा-बोध-गीत-संग्रह 'आवाज दे रहा महाकाल' का भव्य लोकार्पण शुक्रवार, अक्टूबर 6, 2017 को आनन्दधाम यज्ञशाला में सम्पन्न हुआ। श्री गणेश लक्ष्मी महायज्ञ के दूसरे दिन गीत संग्रह का विमोचन करने के बाद श्रद्धेय आचार्य सुधांशु जी महाराज ने महाकाल और काव्य की बड़ी सुन्दर व्याख्या की और आचार्य देवेन्द्र देव को विलक्षण कवि बताया। उन्होंने कहा कि यह गीत संग्रह संकल्प, विश्वास, शक्ति, साधना एवं प्रेम की एक अनुपम कृति है, जिससे देश-दुनिया के लोगों को कर्तव्यपथ पर चलने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कविराज के 65वें जन्मदिन पर उन्हें माला पहनाकर यज्ञ भगवान का आशीर्वाद भी प्रदान किया। विख्यात कवि मदन मोहन वर्मा क्रान्त ने आचार्य देवेन्द्र देव को शुभकामनायें देते हुए कहा कि उनका यह गीत संग्रह मानवीयता, एकता और समरसता का विलक्षण सन्देश देता है। युवा कवि शम्भू ठाकुर ने कहा कि उनके गीत देश एवं समाज की बहुआयामी समस्याओं से परिचित कराते हैं। डॉ अवनीश सिंह चौहान ने कहा कि आज के गीतों में सामाजिक विषमताओं, विद्रूपताओं को केंद्र में रखकर नकारात्मक भावों को उजागर करने का ट्रेंड चल रहा है, जबकि 'आवाज़ दे रहा महाकाल' के गीत सकारात्मक ऊर्जा से ओतप्रोत हैं। इन गीतों में माता, पिता, गुरू, समाज, राष्ट्र, आत्मा, परमात्मा आदि विषयों को करीने से व्यंजित किया गया है ताकि जीव मात्र का कल्याण हो सके। इस काव्य पुस्तक में कवि देवेन्द्र देव के उन सभी गीतों-कविताओं को संकलित किया गया है, जो समय-समय पर अखण्ड ज्योति तथा युग निर्माण योजना में प्रकाशित होती रही हैं। श्री देव ने अपनी एक रचना इस मौक़े पर सबको सुनायी। उन्होंने 108 कुण्डीय यज्ञशाला में हज़ारों यज्ञ-साधकों की मौजूदगी में पुस्तक विमोचन को अपने जीवन का ख़ास अवसर कहा। उप्र सरकार के नगर विकास विभाग में अधिकारी रहे श्री देव एक गायत्री साधक हैं और सम्प्रति संस्कार भारती प्रकोष्ठ में अखिल भारतीय सह-साहित्य-प्रमुख के रूप में राष्ट्रसेवा कर रहे हैं। देवजी 13 अति महत्वपूर्ण विषयों पर महाकाव्यों की रचना करने वाले राष्ट्रीय स्तर के यशस्वी कविता-साधक हैं। उन्होंने गायत्रेय (गायत्रीपुत्र प.पू. पं.श्रीराम शर्मा आचार्य) बांग्ला-त्राण, युवमन्यु (स्वामी विवेकानन्द) हठयोगी नचिकेता, राष्ट्र-पुत्र यशवन्त, बलि-पथ, इदं राष्ट्राय, अग्नि-ऋचा (डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम), लोक-नायक (जय प्रकाश नारायण), बिरसा मुंडा, शंख महाकाल का, कैप्टन बाना सिंह और बिस्मिल नामक महाकाव्य रचे हैं। इस अवसर पर देश-विदेश के हज़ारों मिशन साधकों के अलावा अमर सोनी, उदितेंदु कुमार व संतोष ठाकुर आदि युवा कवि भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का बेहतरीन संचालन-समन्वयन विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

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